1. ये सरकारी काम कर रहे हैं और उन्हें काम के समय काम न करने का पूरा हक़ है।
2. अफ़सर खुद निठल्ला हो मगर वह दूसरों के निठल्लेपन को सहन नहीं कर सकता।
4. क्षेत्रीय नेता अपने नेतृत्व का आधार बनाने के लिए प्रांतों और जातियों में परस्पर घृणा के तत्व खोजते हैं।
5. पार्टी भी ऐसे व्यक्ति को पसंद करती है, जो आदर्शवादी भाषण देने से छुरा भोंक देने तक हर स्तर पर पारंगत और व्यावहारिक हो।
6. अपराध का सफ़ेदपोस बाना काम जोखिम का और अधिक लाभकारी है।
7. मनुष्य जाति का इतिहास चमकदार व्यक्तित्वों की चर्चा और अध्ययन से भरा है। हम बीच के अंधकार को टाल गए। रुपया चमकता है,मगर एक चमकते रुपए और दूसरे चमकते रुपए के बीच जो अभाव का शून्य है,वह हमारी नज़र में नहीं आता।
8. नये नेताओं से पुराने नेताओं को इतना ख़तरा नहीं होता,जितना नए दादा से पुराने दादाओं को। बल्कि नया दादा तो उभरता ही है, पुराने दादा को पीटकर। (अब हालात उलट गए हैं)
9. अमेरिका से अधिक सहयोग लेना,वह चाहे किसी भी क्षेत्र में हो,अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना है। पाकिस्तान लंगड़ा हो चुका। हमारे यहाँ फ़िक्र है कि हाय, हम लंगड़े क्यों नहीं हैं? जब अमेरिकी बैसाखियाँ उपलब्ध हैं, लंगड़े होने में हर्ज क्या है ? डिक्टेटरशिप से डिस्को तक, मेथिल सायनाइड से महिलाओं महिलाओं के फ़ैशन तक,नंगी फ़िल्मों से गंदे होटलों तक अमेरिका के प्रभाव में जो कुछ पनपता है, वह उस देश को राजनीतिक,आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से तबाह कर देने के लिए काफ़ी है।
10. सुपर स्टार कभी टाइम पर नहीं आता। टाइम पर आ जाए तो काहे का सुपर स्टार।
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