जो कुछ है मेरे पास, उस पर ध्यान दिया
दोस्तों के साथ हंसती हुई तस्वीरें देखीं
अपने मन के हिसाब का नाश्ता भी हुआ
तबियत में कोई ख़ास ख़राबी नहीं महसूस हुई
मेट्रो में बैठने को जगह मिल गई
एक छोटे बच्चे ने उँगली पकड़ ली
और मौसम भी सुहाना मिला आज।
आज कुछ देर सिर्फ़ अच्छा सोचा
तो लगा सब कुछ कितना अच्छा है।
-यह लिखाई मेरे छोटे बेटे Anany Shukla की है। इस पोस्ट में फ़ोटो भी अनन्य की है।
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