Monday, August 03, 2009

पति क्या होता है सिर्फ़ एक आइटम ही तो

http://web.archive.org/web/20140419214326/http://hindini.com/fursatiya/archives/662

37 responses to “पति क्या होता है सिर्फ़ एक आइटम ही तो”

  1. विवेक सिंह
    “लेकिन अब आधुनिक जमाने के साथ पति के दामों में काफी उछाल आया है। पति खासकर कमाऊ पतियों के दाम भारत में भ्रष्टाचार तथा विश्व में पेट्रोल की कीमतों की तरह लगातार बढ रहे हैं। “
    देश में एक अर्थशास्त्री की सरकार के होते हुए यह डिमाण्ड-सप्लाई के नियम का उल्लंघन आखिर हो कैसे रहा है ? पतियों की डिमाण्ड कम हो रही है और कीमत बढ़ रही है .
    अब हमें यह बताया जाय कि यह पोस्ट-प्रोजेक्ट कितने दिन से पाइप लाइन में था ? अभी गिनीज बुक में नाम लिखवाने के लिए आवेदन किया कि नहीं ?
  2. संजय बेंगाणी
    यह पूर्णतः फूरसतीया टाइप रहा. बहुत दिनों बाद.
    कम से कम आपने आइटम तो बता दिया, वरना बड़े निराश थे कि हम कुछ है ही नहीं…. :)
  3. Lovely
    एकदम फुरसतिया मार्का पोस्ट दिनों बाद ..बधाई जी :-)
  4. रंजना
    क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आ रहा……
    एक एक वाक्य लाजवाब !!! हँस हँस कर पेट में बल पर गए…….क्या जबरदस्त विवेचना की है आपने…..उफ़ !!!
    सुपर्ब !!! सिम्पली ग्रेट !!!
  5. ताऊ रामपुरिया
    वाकई बडे समय बाद किसी पोस्ट को पढने आधा घंटा लगा यानि असली फ़ुरसतिया पोस्ट का मजा आया. वैसे आपने सबको दिल के छाले दिखा दिये.:)
    रामराम.
  6. kanchan
    Gajab…! is post ke vishay me kahana mushkil kai kai bar padhne waali….! printer kharaab hai…!varna print nikal kar gharme sab ko padhwane laayak hai :)
  7. प्रियंकर
    ‘पत्नी असल में वह प्राणी होती है जो अपने पति को छील-छाल, गढ़-तराश कर आदमी बनाती है।’
    मतलब पत्नी रन्दा होती है . परिभाषा में दम है . पहले तो पत्नी लगातार यह कहती रहती है कि इनको ये मैंने सिखाया …ये मैंने सिखाया … ये मैंने सिखाया ….ये मैंने सिखाया . और बेचारा जब सीख जाता है तो एक दिन आंख में पानी भर कर शिकायत करती है कि ’ये अब पहले जैसे नहीं रहे’ . अरे पहले जैसा कैसे रहेगा भाई . रन्दा तो खुदै ने चलाया है . पर अब कौन क्या कहे .
    अन्तिम सत्य यही कि पत्ना रन्दा होती है .
  8. Dr.Arvind Mishra
    सती सावित्रियों पर भी कुछ विस्तार करते !
  9. दिनेशराय द्विवेदी
    बहुत टेक्नीकल पोस्ट है। ठीक सर्जरी की क्लास की तरह और मिताक्षरा, दायभाग, और मुस्लिम उत्तराधिकार की विधि की भांति।
  10. परमजीत बाली
    बढिया पोस्ट है आइटम कथा मजेदार लगी।……सच्ची भी:))
  11. जि‍तेन्‍द्र भगत
    गजब अंदाज। साथ ही एक वि‍मर्श भी बयॉं करती हुई।
  12. Gyan Dutt Pandey
    … वह न होकर पीसा की मीनार हो गया जो झुक गया तो झुकता ही चला गया।
    ———
    सवा सोलह आने सच! हम तो जाने कब से पिसियाते ही चले जा रहे हैं! :-)
  13. Gyan Dutt Pandey
    और प्रियंकर जी की परिभाषा भी सत्यमसत्य है – पत्ना रन्दा होती है .
  14. Gyan Dutt Pandey
    और बाकी यह; कि कुछ कम अच्छा लिखा करें। औरों को भी अपनी दुकान चमकाने की गुंजाइश बचने दें!
  15. Prashant (PD)
    धन्य महाराज.. इत्ता बड़ा? पूरा फुरसतिया टाईप.. मजा आ गया..
    वैसे भी पति टाईप प्राणियों के बारे में पढ़ने-सुनने में मजा तो आता ही है.. :D
  16. सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी
    आपने तो आज मन भर दिया। पहले खूब मन लगाकर पढ़े और दिल खोलकर हँसे, फिर इस सच्ची पोस्ट को पत्नी और घर आयी उनकी एक बचपन की सहेली को पढ़कर सुनाया। सबने एक-एक लाइन पर तालियाँ बजायीं।
    लेकिन अब हम एक गहन विचार में डूब गये हैं…। अपने को तुर्रम खाँ समझते थे…। सेल्फ़-मेड कहलाते थे…। अपने पर नाज करते थे, लेकिन आपने सारी पोल खोलकर रख दी…। अब तो अपने ‘आइटमपन’ पर मौन से हो गये हैं। सारा भ्रम जाता रहा…। अब हम वास्तव में पहले जैसे नहीं रहे। बताने का शुक्रिया।
  17. Dr.Manoj Mishra
    “”कुछ और आधुनिक वर-पिता सारा पैसा एक साथ न लेकर किस्तों में भुगतान पसंद करते हैं। समझदार होने के नाते वे ऐसी बहू के रूप में ऐसी मुर्गी लेना पसंद करते हैं जो ताजिंदगी निरंतर बड़े होते अंडे देती रहे। ऐसी मुर्गी को लोग काम-काज वाली बहू तथा पति नामक प्राणी ‘वर्किंग वूमैन’ कहते हैं।”"
    इसके साथ ही ,पूरी की पूरी पोस्ट बेहतरीन.
  18. abha
    ब्लाग जगत के परसाई जी को प्रणाम , ….दूसरे यह कि एक फिल्म की टिकट ली होती तो तीन घंन्टे और पैसे जाते यहाँ तो घर बैठे बैठे तरोताजा हुए और सोचा भी बहुत कुछ….
  19. venus kesari
    पोस्ट का मूल तत्व
    अभी हमारी शादी नहीं हुई : अभी हम लकडी का वो लट्ठा हैं जिसे छिलना और काम के लायक होना बाकी है
    हमें तो सत्य का ज्ञान हो गया गुरु देव :)
    वीनस केसरी
  20. Amar Kumar

    दुबारा पढ़ने में आनन्द तो आया ही, साथ ही एक रिवीज़न भी हो गया,
    पिछले बार ई-स्वामी ने ग़ज़्ज़ब टिप्पणी दी थी..
    इस बार एक बार फिर उनकी प्रतीक्षा है,
  21. Abhishek
    मतलब हम अभी आदमी नहीं है ! अभी वाया पति… आदमी स्टेशन पर ट्रेन जायेगी अभी तो कुंवारे नमक स्टेशन पर खड़ी है. बाकी पति क्या चीज है ये तो अनुभव के बिना कहना मुश्किल ही है :)
  22. गर छेड़ा तो पिटोगे भैया से बता देती हूं सच्ची में
    [...] का मन बना लिये। इसके पीछे ज्ञानजी का आदेश भी काम कर रहा है-और बाकी यह; कि कुछ कम [...]
  23. कौतुक
    अक्षरत: सहमति स्वीकार करें. :) फुरसतिया टाईप पोस्ट के लिये धन्यवाद.
  24. dr anurag
    जे बात …..काफी फुरसात्मक पोस्ट है…पीडा रस टपक रहा है….कई दिनों बाद लगा है रोग का रिलेप्स हुआ है….खैर …कुल मिला कर हमें गाँव के वे दूल्हे याद आ गए जो …साइकिल पे ट्रांजिसटर रखे …….
  25. anita kumar
    दोबारा पढ़ने में भी उतना ही मजा आया जितना पहली बार आया था, ये पोस्ट तो दिल वाले दुल्हिनयां ले जायेगे जैसे है,सिनेमा हॉल से सिल्वर जुबली मना कर ही जायेगी, एक बार फ़िर वही टिपियाने का मन जो पहले कहा था
    इस लेख में व्यंग है, गहरी सौच है, संवेदनशीलता है, दुखती रग है(पतियों की)…
    इस लेख के लिए आप को हमारी तरफ़ से डॉक्टरेट की उपाधी से नवाजा जाता है, शानदार लेख
  26. समीर लाल
    पढ़ तो हम कल ही गये थे. जाने कैसा डूबे कि टिप्पणी करना रह गई.
    ऐसा पहली बार हुआ है
    सत्रह अट्ठरा सालों में…
    :)
    वरना तो मियां, हम पढ़े न पढ़े- टिप्पणी छूट नहीं सकती. जाने कैसे उल्टी गंगा बह गई.
    -आलेख तो मस्त फुरसतिया और माहेश्वर तिवारी जी की रचना..बहुत उम्दा!!
  27. Prashant (PD)
    सत्रह अट्ठरा सालों में… ???? :D
  28. सतीश सक्सेना
    मजेदार पोस्ट, हकीकत बयान करती हुई !
  29. shikha varshney
    wah janab wah….kafi jaankari purn lekh raha….kafi fande clear ho gaye ji[:)]or maja bhi khoob aaya
  30. अतुल शर्मा
    अब मैं समझा कि ये मेरे साथ कुछ सालों से क्या हो रहा है। अब पता चला कि मुझे आदमी बनाया जा रहा है और मैं ख्वामख्वाह समझता रहा कि मैं हूँ।
    वैसे अभी भी यह समझने में लगा हूँ कि आपने जो लिखा वो कॉमेडी है ये ट्रैज़ेडी?
    स्माइली शायद ये वाला ठीक रहेगा :-)
  31. K M Mishra
    अनुप जी क्या भाभी से लड़ कर ये पोस्ट लिखी थी । ऐसे ही लिखते रहे तो स्टार प्लस वाली एकता कपूर की दुकान बेद करवा देंगे ।
    लाजवाब पति पुराण लिखा आपने । मुझको लगता है कि ये न सिर्फ आपबीती है बल्कि जगबीती है । हर पति पर बीती है । पत्नी ऐसी ही होती है । जो भी हो हंस हंस कर पेट में बल पड़ गये । आज अपना ही दुखड़ा पढ़ कर खुब हंसे । आभर ।
  32. randhirsingh   suman
    जब आँखों से ओझल होता है वो कोना,
    तुम उस मोड़ पर नज़र आते हो.
    जब बहुत याद आते हो तुम,
    सन्नाटे के शोर में गूँजते नज़र आते हो.good
  33. varun jha
    पत्नी असल में वह प्राणी होती है जो अपने पति को छील-छाल, गढ़-तराश कर आदमी बनाती है।
  34. : फ़ुरसतिया-पुराने लेखhttp//hindini.com/fursatiya/archives/176
    [...] पति क्या होता है सिर्फ़ एक आइटम ही तो [...]
  35. shefali
    घनघोर फुर्सत में पड़ने के लिए सहेज लिया है ….
    shefali की हालिया प्रविष्टी..ड्राफ्ट के इस क्राफ्ट में एक ड्राफ्ट यह भी ………..
  36. Devanshu Nigam
    वाह जी वाह…मजा आ गया…
    Devanshu Nigam की हालिया प्रविष्टी..मोड़ पे बसा प्यार…
  37. vineeta sharma
    वाह!!! कमाल की पोस्ट है ये तो :)

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