एक दूसरे को ,सरेआम कोसा औ जलील किया,
कहीं कोई कमी न रह जाये दोस्ती निभाने में।
दोस्ती निभाने में जो कुछ चूक हुई हमसे
वो हमने दुश्मनी निभाने में पूरी कर दी।
हमारी दोस्ती रही फ़कत चार दिन औ कुछ घंटे
अपन ने जिंदगी भर दुश्मनी के किस्से सुनाये।
-कट्टा कानपुरी
कहीं कोई कमी न रह जाये दोस्ती निभाने में।
दोस्ती निभाने में जो कुछ चूक हुई हमसे
वो हमने दुश्मनी निभाने में पूरी कर दी।
हमारी दोस्ती रही फ़कत चार दिन औ कुछ घंटे
अपन ने जिंदगी भर दुश्मनी के किस्से सुनाये।
-कट्टा कानपुरी
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