ई ससुर मोहब्बत भी एक बड़ा बवाल होता है,
मसला कौनौ नहीं सीधा, सब गोलमाल होता है।
घंटा भर कहीं मुलाकात का जुगाड़ हुआ भी तो
जिंदगी भर बिछुड़कर जीने का सवाल होता है।
शागिर्द ने उस्ताद को अपना पहला कलाम दिखाया,
बिना देखे, आंख मींच के वो बोले- बहुत खूब, शुब्भानल्लह
शायर ने मजाक में ही एक बेवकूफ़ी की बात कही,
शरीफ़ लोग भिड़ गये- ये हमे कहा, हमारे लिये कहा।
मसला कौनौ नहीं सीधा, सब गोलमाल होता है।
घंटा भर कहीं मुलाकात का जुगाड़ हुआ भी तो
जिंदगी भर बिछुड़कर जीने का सवाल होता है।
शागिर्द ने उस्ताद को अपना पहला कलाम दिखाया,
बिना देखे, आंख मींच के वो बोले- बहुत खूब, शुब्भानल्लह
शायर ने मजाक में ही एक बेवकूफ़ी की बात कही,
शरीफ़ लोग भिड़ गये- ये हमे कहा, हमारे लिये कहा।
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