तेरा साथ रहा बारिशों में छाते की तरह ,
कि भीग तो पूरा गये पर हौसला बना रहा।
वही घिसी-पिटी बातें, वही ख्याल- कुछ भी तो नया नही,
चल बहर में कह, तरन्नुम में पढ -गजल में खप जायेगा।
-कट्टा कानपुरी
कि भीग तो पूरा गये पर हौसला बना रहा।
वही घिसी-पिटी बातें, वही ख्याल- कुछ भी तो नया नही,
चल बहर में कह, तरन्नुम में पढ -गजल में खप जायेगा।
-कट्टा कानपुरी
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