अपने यहां आये दिन लड़कियों के साथ छेड़खानी की घटनायें बढती जा रही हैं।
इनमें तथाकथित अच्छी परवरिश पाये लड़के भी शामिल होते हैं। समाज का
हिसाब-किताब कुछ ऐसा बन सा गया है कि वे जो करते हैं उसमें उनको कुछ गलत भी
नहीं लगता। लेकिन एहसास कराये जाने पर वे शर्मिन्दा होते हैं।
3 मिनट की इस फ़िल्म में ऐसा ही कुछ दिखाने की कोशिश की गयी है। एक अकेली जाती लड़की को दो लड़के छेड़ते हैं। सड़क पर तमाम लोग यह होते देखते हैं पर कोई प्रतिरोध नहीं करता। लेकिन एक दूसरी लड़की जो अपने दोस्त के साथ होती है आगे बढ़कर छेड़छाड़ का विरोध करती है और उस लड़कों का मोबाइल छीन लेती है। इसके बाद बाकी लोग भी उन लड़कों के चारो तरफ़ इकट्ठा हो जाते हैं। सबको देखकर अकेली लड़की को छेड़ने वाले लड़कों को अपनी गलती का एहसास होता है। वे शर्मिन्दा होकर वहां से जाने लगते हैं। उनके शर्मिन्दगी के एहसास को देखकर भीड़ में से दो लड़के आगे आकर उनके कन्धे पर हाथ रखते हैं और फ़िल्म इस संदेश के साथ खत्म होती है:
You have two roads to choose
one will make you protect her
other will make you her
for she is not only one
पिक्चर बनाई है अजित थामस ने। कैमरा पृथ्वीराज नायर। स्क्रिप्ट अनन्य शुक्ल। एडीटर अक्षय कुमार। असिस्टेण्ट डायरेक्टर और आवाज नवनीत कुमार। शूटिंग में भाग लिया मनिपाल इंस्टीट्यूट के बच्चों ने।
यह सब इसलिये बता रहे कि स्क्रिप्ट लिखने वाले और इस फ़िल्म में छेड़छाड़ का विरोध करने वाले का रोल किया है वो अनन्य हैं हमारे छोटे सुपुत्र हैं। हम हाफ़ सेंचुरी मार गये उमर की अभी तक एक्को स्क्रिप्ट न लिख पाये और एक ये हैं कि 19 साल की उमर में पहली स्क्रिप्ट लिखकर फ़िल्म भी बनवा लिये।
बधाई हो बच्चा। तुमको और सब दोस्तों को। पहला वाला रास्ता चुनने का विवेक और हौसला बना रहे। हमेशा। smile इमोटिकॉन Anany Shukla
https://www.youtube.com/watch?v=Bpb7T6R1XNY
3 मिनट की इस फ़िल्म में ऐसा ही कुछ दिखाने की कोशिश की गयी है। एक अकेली जाती लड़की को दो लड़के छेड़ते हैं। सड़क पर तमाम लोग यह होते देखते हैं पर कोई प्रतिरोध नहीं करता। लेकिन एक दूसरी लड़की जो अपने दोस्त के साथ होती है आगे बढ़कर छेड़छाड़ का विरोध करती है और उस लड़कों का मोबाइल छीन लेती है। इसके बाद बाकी लोग भी उन लड़कों के चारो तरफ़ इकट्ठा हो जाते हैं। सबको देखकर अकेली लड़की को छेड़ने वाले लड़कों को अपनी गलती का एहसास होता है। वे शर्मिन्दा होकर वहां से जाने लगते हैं। उनके शर्मिन्दगी के एहसास को देखकर भीड़ में से दो लड़के आगे आकर उनके कन्धे पर हाथ रखते हैं और फ़िल्म इस संदेश के साथ खत्म होती है:
You have two roads to choose
one will make you protect her
other will make you her
for she is not only one
पिक्चर बनाई है अजित थामस ने। कैमरा पृथ्वीराज नायर। स्क्रिप्ट अनन्य शुक्ल। एडीटर अक्षय कुमार। असिस्टेण्ट डायरेक्टर और आवाज नवनीत कुमार। शूटिंग में भाग लिया मनिपाल इंस्टीट्यूट के बच्चों ने।
यह सब इसलिये बता रहे कि स्क्रिप्ट लिखने वाले और इस फ़िल्म में छेड़छाड़ का विरोध करने वाले का रोल किया है वो अनन्य हैं हमारे छोटे सुपुत्र हैं। हम हाफ़ सेंचुरी मार गये उमर की अभी तक एक्को स्क्रिप्ट न लिख पाये और एक ये हैं कि 19 साल की उमर में पहली स्क्रिप्ट लिखकर फ़िल्म भी बनवा लिये।
बधाई हो बच्चा। तुमको और सब दोस्तों को। पहला वाला रास्ता चुनने का विवेक और हौसला बना रहे। हमेशा। smile इमोटिकॉन Anany Shukla
https://www.youtube.com/watch?v=Bpb7T6R1XNY
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