दो दिन पहले कविता 'अलगाव का समय' पोस्ट की दी। जिसमें यह पंक्तियाँ भी थीं:
असल में बचपन से हमको पेट के लेट ले पढ़ने की बुरी आदत है।बचपन में वजन कम था। अब भी कभी-कभी पेट बल लेटकर देर तक पढते हैं तो दिल दबता है।फिर जब उठते हैं तो आजाद होने पर झंडे की तरह फड़फड़ाता है।डाक्टरी भाषा में इसे 'टेकिकार्डिया' कहते हैं शायद। नेट पर इसके कारण देखा तो पिछले अनुभव से मुझे अंदाज हुआ कि देर तक पेट के बल लेटे रहने के कारण हुआ होगा ऐसा। पिछली बार तो पल्स रेट 200 पार कर गयी थी।बाद में कार्डियोलॉजिस्ट ने कई टेस्ट कराने के बाद जो दबाई दी थी उससे बीपी सामान्य से कम होता गया। फिर डाक्टरों की सलाह से दवाई बन्द कर दी।
प्रदीप के साथ स्कूटी पर अस्पताल गए।तो जैसा बताया पल्स रेट तेज। दवाई देकर डाक्टर इन्तजार करता रहा।लेकिन धड़कन दर 180 से कम ही नहीं हो रही थी।असल में अस्पताल में जो दवा थी वह बीपी और पल्स रेट दोनों को कम करने वाली थी। जबकि हमारा बीपी सामान्य था। केवल धड़कन कम करने वाली दवा नहीं थी।
हमें पक्का पता था कि पल्स रेट सामान्य होगी कुछ देर में लेकिन हम जहां ऊँगली में दबे उपकरण को देखें धड़कन 180 पार जाती दिखे। एक बार झटके से 100 के नीचे हुई तो हमें लगा चकाचक हो गए। लेकिन पता लगा वह सम्पर्क टूटने की वजह से हुआ था।
जब ठीक होने में देर हुई तो हमने अपने घरवालों और तमाम दोस्तों को शिद्दत से याद करना शुरू किया जिनसे अक्सर बात होती रहती है। उनको भी याद किया जिनसे बात करना उधार है। जिसको हिचकी आई हो उसका कारण मेरे द्वारा उसको याद करना रहा होगा।
खैर करीब दो घण्टे बाद पल्स रेट औकात में आ गई। ईसीजी सामान्य।हम कमरे पर आये डॉक्टर की इस हिदायत के साथ कि दो दिन बाद कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाएँगे।
पल्स रेट 170 से 190 के दौरान बिस्तर पर लेते हम सोचे रहे थे कि मान लो कुछ अनहोनी हो जायेगी तो क्या होगा।
पिछले कुछ दिनों से मैं इस बारे में सोचता हूँ कि 50 साल जी लिए। अब न जाने कब किधर से कौन ठोंक दे और कहे चलो मालिक ने बुलाया है। हमें लगा कि मान लो आज कोई कहे कि गुरु चलो अपना शटर गिराओ तो हमें सिर्फ यही अफ़सोस होगा कि कुछ बेहतरीन किताबें बिना पढ़े और दुनिया का बड़ा हिस्सा अनदेखा छोड़ के जाना हुआ।
बहरहाल अब बिस्तर पर लेटे-लेटे तीन कसमें खाई:
1. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना। खानपान और दिनचर्या ठीक रखने के लिए कोशिश करना।
2. लिखाई पढ़ाई और घुमाई का काम नियमित करते हुए सब काम समय पर निपटाना।
3.किसी का जाबूझकर दिल न दुखाना। (यह ऐसे ही लिखा ताकि हवा पानी रहे कि कितने अच्छे मन के हैं)
यह न समझा जाए कि यह बातें पहले नहीं सोची। सोची थीं लेकिन अभी तबियत ठीक होने के बाद सोचना थोडा ज्यादा ग्रेसफुल लगता है न। smile इमोटिकॉन
नोट:रात यह पोस्ट लिखी थी। पोस्ट किये बिना सो गए थे। अभी पोस्ट कर रहे। यह बताने के लिए कि कभी पल्स रेट ऐसे भी बढ़ जाती है। लेकिन कुछ लफड़ा लगे तो फौरन डाक्टर की शरण में जाएँ। आखिर उनके भी बाल बच्चे हैं। smile इमोटिकॉन
बकिया तबियत चकाचक है। smile इमोटिकॉन हां डॉक्टर से इलाज करवाते समय सोच रहे थे कि कहीं भाई साहब व्यापम के उत्पाद तो नहीं। लेकिन भाईसाहब बढ़िया डाक्टर लगे।
फ़ेसबुक की टिप्पणी
"लगता है काम चल सकता हैलगता है दिल इसका बुरा मान गया। उसके चले रात को दिल बड़ी तेज-तेज धड़कने लगा। हमने दिल पर हाथ रखकर समझाया कि भाई कविता की बात का बुरा नहीं मानते। लेकिन वह सनक गया तो फिर माना नही। ऐसे तेज धड़कता रहा जिसके लिए शेर कहा गया है:
बिना धड़कनों के भी-
बेकार ये शरीर घड़ी टिक-टिक करती है
एक मिनट में बहत्तर बार."
तू किसी रेल सी गुजरती है,पानी वानी पीने के बाद भी दिल किसी जनरेटर सा धड़कता रहा। जब दिल माना नहीं तो बगल के कमरे से Pradeep को बुलाया। बोले-चलो जरा अस्पताल तक टहल के आते हैं। अस्पताल पहुंचे तो स्टाफ वही था जिसने सुबह बच्ची की पट्टी की थी। बीपी देखा तो वह तो 130/90 मतलब लगभग सामान्य फिर भी हमारे सामान्य बीपी से 120/80 से कुछ उचका हुआ था। लेकिन पल्स रेट 180 से 190 के करीब। मतलब सामान्य से ढाई गुना करीब। सीने में कोई दर्द या तूफान नहीं। ईसीजी में धड़कन 176 । मतलब सामान्य से वहीँ ढाई गुने करीब। डाक्टर बोला -शहर के अस्पताल में रिफर कर दें। हमने कहा न भाई। यहीं दवा दो। पहले भी ऐसा हुआ था। अस्पताल जाते-जाते सामान्य हो गए थे। फिर हृदय रोग विशेषज्ञ एक हफ्ता दौड़ाता रहा।सब कुछ सामान्य था।
मैं किसी पुल सा थरथराता हूँ।
असल में बचपन से हमको पेट के लेट ले पढ़ने की बुरी आदत है।बचपन में वजन कम था। अब भी कभी-कभी पेट बल लेटकर देर तक पढते हैं तो दिल दबता है।फिर जब उठते हैं तो आजाद होने पर झंडे की तरह फड़फड़ाता है।डाक्टरी भाषा में इसे 'टेकिकार्डिया' कहते हैं शायद। नेट पर इसके कारण देखा तो पिछले अनुभव से मुझे अंदाज हुआ कि देर तक पेट के बल लेटे रहने के कारण हुआ होगा ऐसा। पिछली बार तो पल्स रेट 200 पार कर गयी थी।बाद में कार्डियोलॉजिस्ट ने कई टेस्ट कराने के बाद जो दबाई दी थी उससे बीपी सामान्य से कम होता गया। फिर डाक्टरों की सलाह से दवाई बन्द कर दी।
प्रदीप के साथ स्कूटी पर अस्पताल गए।तो जैसा बताया पल्स रेट तेज। दवाई देकर डाक्टर इन्तजार करता रहा।लेकिन धड़कन दर 180 से कम ही नहीं हो रही थी।असल में अस्पताल में जो दवा थी वह बीपी और पल्स रेट दोनों को कम करने वाली थी। जबकि हमारा बीपी सामान्य था। केवल धड़कन कम करने वाली दवा नहीं थी।
हमें पक्का पता था कि पल्स रेट सामान्य होगी कुछ देर में लेकिन हम जहां ऊँगली में दबे उपकरण को देखें धड़कन 180 पार जाती दिखे। एक बार झटके से 100 के नीचे हुई तो हमें लगा चकाचक हो गए। लेकिन पता लगा वह सम्पर्क टूटने की वजह से हुआ था।
जब ठीक होने में देर हुई तो हमने अपने घरवालों और तमाम दोस्तों को शिद्दत से याद करना शुरू किया जिनसे अक्सर बात होती रहती है। उनको भी याद किया जिनसे बात करना उधार है। जिसको हिचकी आई हो उसका कारण मेरे द्वारा उसको याद करना रहा होगा।
खैर करीब दो घण्टे बाद पल्स रेट औकात में आ गई। ईसीजी सामान्य।हम कमरे पर आये डॉक्टर की इस हिदायत के साथ कि दो दिन बाद कार्डियोलॉजिस्ट को दिखाएँगे।
पल्स रेट 170 से 190 के दौरान बिस्तर पर लेते हम सोचे रहे थे कि मान लो कुछ अनहोनी हो जायेगी तो क्या होगा।
पिछले कुछ दिनों से मैं इस बारे में सोचता हूँ कि 50 साल जी लिए। अब न जाने कब किधर से कौन ठोंक दे और कहे चलो मालिक ने बुलाया है। हमें लगा कि मान लो आज कोई कहे कि गुरु चलो अपना शटर गिराओ तो हमें सिर्फ यही अफ़सोस होगा कि कुछ बेहतरीन किताबें बिना पढ़े और दुनिया का बड़ा हिस्सा अनदेखा छोड़ के जाना हुआ।
बहरहाल अब बिस्तर पर लेटे-लेटे तीन कसमें खाई:
1. स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना। खानपान और दिनचर्या ठीक रखने के लिए कोशिश करना।
2. लिखाई पढ़ाई और घुमाई का काम नियमित करते हुए सब काम समय पर निपटाना।
3.किसी का जाबूझकर दिल न दुखाना। (यह ऐसे ही लिखा ताकि हवा पानी रहे कि कितने अच्छे मन के हैं)
यह न समझा जाए कि यह बातें पहले नहीं सोची। सोची थीं लेकिन अभी तबियत ठीक होने के बाद सोचना थोडा ज्यादा ग्रेसफुल लगता है न। smile इमोटिकॉन
नोट:रात यह पोस्ट लिखी थी। पोस्ट किये बिना सो गए थे। अभी पोस्ट कर रहे। यह बताने के लिए कि कभी पल्स रेट ऐसे भी बढ़ जाती है। लेकिन कुछ लफड़ा लगे तो फौरन डाक्टर की शरण में जाएँ। आखिर उनके भी बाल बच्चे हैं। smile इमोटिकॉन
बकिया तबियत चकाचक है। smile इमोटिकॉन हां डॉक्टर से इलाज करवाते समय सोच रहे थे कि कहीं भाई साहब व्यापम के उत्पाद तो नहीं। लेकिन भाईसाहब बढ़िया डाक्टर लगे।
फ़ेसबुक की टिप्पणी
- Indra Awasthi Kya Maamla hai ?
- अनूप शुक्ल चकाचक है।
- Devanshu Nigam ये लाइक इसलिए की तबियत चकाचक हो गयी । आप ऐसे ही मजे में रहिये । बाकी तबियत ख़राब होना dislike ।
- अनूप शुक्ल तथास्तु smile इमोटिकॉन
- Upendra Vasishth Ndc Keep fit keep cycling.
- अनूप शुक्ल कर रहे हैं। फिट भी हैं। smile इमोटिकॉन
- Arun Arora सिगारेट सिगार बीडी इत्यादि छोडने का प्रण करे
- अनूप शुक्ल छोड़ने के लिए पहले पीना शुरू करना होगा। smile इमोटिकॉन
- Arun Arora प्रण करने के लिये जरूरी नही है कि आप पीते हो तभी किया जा सकता है। smile इमोटिकॉन मस्त रहे चेक अवश्य कराये कार्डलियोजिस्ट से
- Pramod Beria आप हौम्योपेथी की GOLD DROPS किसी अच्छी दुकान से लें और बीस बूँद रोज तीन बार पानी के साथ लेतें रहें ,यह एक प्रसिद्ध कंबिनेसन है !
- अनूप शुक्ल हमारे सीनियर डॉक्टर शुक्ल जी हैं। उनसे सलाह लेकर लेंगे। smile इमोटिकॉन
- Ram Kumar Chaturvedi कूछ खास नहीं। पुराने स्कूटर में कभी साइलेंसर चोक होता है कभी कारबोरेटर में कचरा फस जाता है।बस मिस्त्री के यहां जाते रहो सब सही चलेगा।
- Sujata Sharma अनूप जी, आपकी बदौलत ही चकाचक सचमुच चकाचक है।
दिल पर लगाम लगाइये हुजूर, अभी माइल्स टु गो ...इतनी सरलता से शाश्वत सत्य भी कह जाते हैं कि मन भींग जाता है। ढ़ेर सारा प्यार और शुभेच्छायें। - अनूप शुक्ल जय हो। हमारी प्यार की अम्बेडकर। smile इमोटिकॉन
- Ganga Ram कट्टा कानपुरी जी की कविता को अपनी बताइयेगा तो यही सब होगा tongue इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल कट्टा कानपुरी भी तो अपन की ही सिस्टर कन्सर्न है।
- Tãmäññā Ràj Bāñsâl अनूप जी भाभी जी की सोच कर अपनी तबियत का ध्यान रक्खा कीजिऐ.....मुझे ये सब जान कर बुरा लगा....परन्तु आप ठीक हैै जान कर खुशी हुई...अपना ध्यान रखिये.....
- अनूप शुक्ल आपकी आज्ञा का पालन किया जा रहा। ध्यान एक दम है। smile इमोटिकॉन
- Shweta Sharma hmmm
- अनूप शुक्ल smile इमोटिकॉन
- Sushil Kumar Jha भगवान करे आप पंद्रह बीस साल कम से कम रिटायरमेंट का सुख भोगें।वैसे तीसरी कसम शानदार है।और हां डाक्टर के बालबच्चों का ख्याल रखना हमारा फर्ज है।
- अनूप शुक्ल बस पन्द्रह बीस साल? कुछ बढाइये भाई जी। तीस चालीस करिये इसको। smile इमोटिकॉन
- अर्कजेश कुमार सलाह प्रतिबद्धताएँ काफी हो गई हैं। इसलिए हम सिर्फ शुभकामनाएँ दे रहे हैं अपना ख्याल रखें। 😐
- Neeraj Tripathi Parhkar thoda ajeeb sa laga....wish ki Aisa fir na ho, dhyan rakhiye apna. swasth rahiye mast rahiye..
- अनूप शुक्ल स्वस्थ हैं। मस्त भी। धन्यवाद। smile इमोटिकॉन
- Ashutosh Kumar सर प्रणाम....
अपना ख्याल रखिए । - अनूप शुक्ल हाँ रख रहे। धन्यवाद। smile इमोटिकॉन
- Amit Kumar Srivastava अरे यह क्या । अपना थारो चेक अप कराइये पहले और उचित परामर्श लीजिये । जल्दी स्वस्थ होइए । यह सब पढ़ कर अच्छा नहीं लगता ।
- अनूप शुक्ल चेक अप हो रहा लगातार। चकाचक हैं। smile इमोटिकॉन
- Kumkum Tripathi ईश्वर से रही प्रर्थना है कि आप सदैव स्वस्थ रहें... खुश रहें... और... लम्बे लम्बे पोस्ट लिखकर हमें पकाते रहें! smile इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल आपकी मंशा पूरी हो। हमारा स्वस्थ रहना इसलिए भी जरूरी है ताकि कुमकुम के खूबसूरत प्रोफाइल फोटो देखते हुए मनमौजी पोस्ट पढ़ सकें। smile इमोटिकॉन
- Mausam Singh · Friends with Amit ChaturvediSir doctor ko dikhayiye aur fit rhiye.. god bless!!!
- Chandra Prakash Pandey आप स्वस्थ रहें। शतायु हो। यही कामना है।
- Shahnawaz Khan अनूप सर खुश रहो मस्त रहो साइकिल चलाते रहो....स्वस्थ रहो चकाचक रहो
- अनूप शुक्ल मस्त हैं। साइकिल चल रही है चकाचक। smile इमोटिकॉन
- Shiksha Anuresh Bajpai अपना ख्याल रखें । ताकि दुबारा ऐसी पोस्ट न करनी पडे ।
- अनूप शुक्ल जो आज्ञा बच्चा। smile इमोटिकॉन
- DrArvind Mishra बीच बीच में सहानुभूति टिप्पणियां बटोरने के लिए ऐसी पोस्ट जरुरी होती हैं 😛
- अनूप शुक्ल सही पकड़े। सब टी आर पी बराबर हो जाती है। smile इमोटिकॉन लेकिन घटना सब सही है। ईसीजी रिपोर्ट दोनों हैं। लगा दें क्या ? smile इमोटिकॉन
- Ajit Yadav · बेचैन आत्मा और 13 others के मित्रदिल का खास ख्याल रखें
बेचारा दिल ही तो है ...और देखें - अनूप शुक्ल सही कहा। धन्यवाद। smile इमोटिकॉन
- Laxmi N. Gupta स्वस्थ रहें, सानन्द रहें।
- अपूर्वा प्रताप सिंह .. u r very precious to all of us ... so plzz if u have ny care for all of us , then do very gud care of urself
- Pradeep Singh अपना ख्याल रखे
- हृदय नारा़यण शुक्ल प्रिय शुकुल जी!अनवरत् काम करते रहने वाले की साज -संभाल की जरूरत बहुत होती है।वैसे आपकी पोस्ट से पता चलता रहता है कि ऐसा आप करते आ रहें हैं लेकिन आदत का क्या ?पेट के बल लेट कर पढ़ते रहने के कारण ही ऐसा हुआ होगा ।नीचे मुलायम तकिये की गर्मी नब्ज को गरमा द...और देखें
- Dhirendra Pandey पहले ये बताया जाय कि नाश्ते में क्या खाया ? पराठा ?
- अनूप शुक्ल जा रहे नास्ता करने अभी तो। smile इमोटिकॉन
- मोनिका जैन 'पंछी' इसलिए अलगाव की कवितायेँ प्रेमी-प्रेमिकाओं के लिए छोड़ दें tongue इमोटिकॉन आप बस प्रकृति और यहाँ के लोगों से लगाव पर लिखिए और अपना ख़याल रखिये smile इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल सही कह रही मोनिका। अब लगाव वाली कविताओं पर ध्यान लगाएंगे। wink इमोटिकॉन
- Sangita Mehrotra Take care .chai kam piya kariye aur healthy food lijiye
- अनूप शुक्ल जो आज्ञा। लखीमपुर के लोगों की तो कोई भी बात माननी पड़ेगी। smile इमोटिकॉन
- Mukesh Sharma परेशानी क्षणिक और खुद की पैदा की थी जो रात के अँधेरे के साथ खुद भाग गयी ।चलिए एक तो ये ख़ुशी दूजे सेकंड सैटरडे का अवकाश ।इस ख़ुशी में तीन अलग अलग रंगो में सुबह का नाश्ता ।
- अनूप शुक्ल परेशानी तो फूट ली लेकिन शनिवार को आधे दिन दफ्तर जाना होता है। smile इमोटिकॉन
- Diwas Mishra · 6 पारस्परिक मित्रभाई साहब व्यापम के उत्पाद तो नहीं ...... smile इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल smile इमोटिकॉन सहज डर। smile इमोटिकॉन
- Mukesh Sharma तबियत वबियत कोई ख़राब नहीं हुई जी एक तो पचास से ऊपर की रपटीली उम्र और ऊपर से सावन का महीना । विरह की आग पूरे शवाब पर और ऐसे में घर जाने को छुट्टियों का कोई डौल नहीं ।अब दिमाग तो तेज है ही ,एक तो इंजीनियर और ऊपर से साहित्यकार ।तो जनाब ने कानपुर ट्रांसफर ...और देखें
- Santosh Singh स्वास्थ्य का ध्यान रखें बड़े भाई
- Dhirendra Pandey http://navbharattimes.indiatimes.com/.../pho.../48388916.cmsअच्छी सेहत के लिए पौष्टिक आहार, योग-ध्यान के साथ-साथ...navbharattimes.indiatimes.com
- Mukesh Sharma मुंशी प्रेमचंद की "बड़े भाईसाहब "याद है ना ?भाईसाहब ने भी होस्टल से ऐसा ही ख़त लिखा था पिताजी को ~हमारा क्या है न वक़्त पर खाने का इंतिज़ाम न आगे नाथ न पीछे पगहा।अब क्या करे बड़ी मुश्किल से दिन कटता है ।" पिताजी चिठ्ठी का मतलब न समझे तब गाव के सयानो ने मतल...और देखें
- Sadhak Ummedsingh Baid · 17 पारस्परिक मित्रkamal hai bhai, itane sare dost... badhai!
- Sachin Agrawal · Friends with Neeraj Mishraआपको याद करते हुए मैं भी रात को ढाई-तीन बजे सोया था। मुझे भी धड़कन की समस्या है लगता है सभी दिल के हाथों मारे जाएंगे
- Nirupma Pandey Vyang likhne tak to theek h lekin sehat ke prati gambhir ho jaiye do baar ho chuka
- Neeraj Mishra अपना ख्याल रखना भी एक पूजा है सर। आखिर शरीर किसी मंदिर से कम है क्या। आप दूसरों के बारे में इतना सोचते हैं तो दुआएँ भी कुछ कम नहीं हैं आपके साथ।
- Jagdish Warkade Pahle to ye pata lagaiye, ki aap ka Dil hai kaha?????
- Virendra Bhatnagar अपने दिल की शैतानी का हाल सुनाकर आपने अपने चाहने वालों के दिल धड़का दिये। खैर आप स्वस्थ हैं जानकर तसल्ली हुई। पहली बात तो यह कि अपने स्वयं के निष्कर्ष निकालने से परहेज़ करें और अपना thorough check-up करायें, दूसरी यह कि सिर्फ घरवाली द्वारा या उनकी देख-रेख में बनाया भोजन ग्रहण करें smile इमोटिकॉन ईश्वर से प्रार्थना है कि आप को सदा स्वस्थ एवं सानन्द रखें ।
- Mazhar Masood Virendra Bhatnagar Sb की बात समझे और जहाँ तक मुमकिन हो अमल करें , अल्लाह आपको हर नागहानी से महफ़ूज़ रखे। अमीन
- शिवांगी माथुर Take rest plz smile इमोटिकॉन
- Vipin Singh Aapki hawa pani hamesha se bni hai. Kasam yaad rakhiyega aur apni health ka dhyan rakhiye. Kash hume bhi mauka hota to kuchh Aapki sewa se punya arjit karte. Waise apne bujurgo ki sewa me aanand milta hai. Gaon me dada dadi ki sewa karna achha lagta hai. Bus jalim roji roti ne apno se door kar rakha hai.
- Nidhi Dixit ईश्वर से प्रार्थना है कि आप हमैशा स्वस्थ रहे .
- Shailendra Kumar Jha ........matlab...............'marz se bhi mauj' le lete hain............'swastya-satarkta' abiyan jari rakhiye...............subhkamnayen
- Krishn Adhar आप जल्दी सामान्य हो जायें गे ऐसी कामना है,पर आप के दो रिग्रेट कि कुछ अच्छी कितावें विना पढ़े,दुनियां का वड़ा हिस्सा विना घूमे...वहुत सुन्दर..अद्वितीय..अनुपम।
- Anju Nigam Get well soon Bhaisahab...
- Surender Kumar अनूप आप एक बार अपना थाईरायड (T3,T4,TSH)चैक करालें इसके चलते भी धड़कन तेज़ हो जाती है।
- Mukesh Sharma पता नहीं अब तक आप अपने ब्लॉग्स/पोस्ट की कोई पुस्तक प्रकाशित करा पाये या नहीं लेकिन इस पोस्ट पर मिली सलाहों/चिकित्सकीय परामर्श को संकलित कर लें तो एक अच्छी पुस्तक छप सकती है ।
- Love Sharma · Damini Pasbola और 58 others के मित्रGet well soon
- Jyoti Tripathi अब धडकनों को ग़लती से भी न छेड़ियेगा ।😀😀
- अनूप शुक्ल सही। smile इमोटिकॉन
- Virendra Bhatnagar परिपूरक टिप्पणी : वह कहावत है न कि आदमी के दिल का रास्ता पेट से होकर जाता है तो दिल को सम्भावित ख़तरों से बचाने के लिए पेट में entry पे ज़रा प्रतिबन्ध लगायें मतलब हर ऐरी-गैरी खाद्य सामग्री को प्रवेश न करने दें और चाय जो आपकी बहुत "मुँह लगी" है उसे तो आप न कहते ही नहीं smile इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल चाय कम करने के बारे में सोचा जाएगा। smile इमोटिकॉन
- Anamika Vajpai Take good care of yourself.
- अनूप शुक्ल टेकिंग। चिंता नको। smile इमोटिकॉन
- अनूप शुक्ल अरे हम चकाचक हैं। देखो आज 3 पोस्ट लिखीं। smile इमोटिकॉन
- Raj Narayan Shukla ईश्वर आप को दीर्घायु बनायें !
स्वास्थ्य चर्चा हम सब के लिये पथ्य है!!
साधुवाद !!! - अनूप शुक्ल धन्यवाद। smile इमोटिकॉन
- Mahesh Shrivastava Ullas se aanand tak , bhaya bina , santras bin , aapki is lekhni se , chir nirantar, raat din , sader ,
- अनूप शुक्ल जय हो।
- Mukesh Sharma अच्छा अब गंभीर बात क्योकि अब आप बिलकुल ठीक है और शाम की टाहलान्त भी कर आये है ।अपना पूरा चैकअप कराये जो इस उम्र में वैसे भी जरुरी होता है ! 24 घंटे में कम से कम 7 घंटे अवश्य सोयें ।एसिडिटी का भी ख्याल रखे क्योकि एसिडिटी में भी पल्स और heart pulpitation काफी बढ़ जाता है ।सेहत का ख्याल रखे क्योकि आप की वजह से बहुत लोगो की सुबह खुशगवार होती है ।आमीन ।
- अनूप शुक्ल सारी सलाहों पर अमल जारी है। अभी अस्पताल से आये। सब कुछ सामान्य है। smile इमोटिकॉन
- महेन्द्र मिश्र ओह अभी पढ़ा ... अभी तबियत कैसी है आज ही सुबह सुबह आपको याद भी किया था ... स्वस्थ रहें ईश्वर से प्रार्थना है
- अनूप शुक्ल हम चकाचक हैं।
- Aradhana Mukti आपने फिर रुला दिया। हम आपसे बात नहीं करेंगे।
Shankar Saran AASCHARYA Sir
Aap to regular cycling karta to dil ko balance ke liye
Aap to regular cycling karta to dil ko balance ke liye
हम सलाह नहीं देंगे। परसाई जी का लिखा चिकित्सा का चक्कर याद आ जाता है सलाह देने से पहले :) तो हमारी नहीं अपनी समझ से बिलकुल खयाल रखा जाय अपना ! चकाचक रहा जाये... बाकी तो जो है सो है ही !
ReplyDeleteआपके भेजे पोस्ट पढ़ता रहता हूँ पर comment पहली बार कर रहा हूँ ।अगर बन सके तो उत्तर देकर हमें भी अपने नीचे जोडियेगा क्योकि आपके पोस्ट पर कमेंट करने बाले काफी लोग है।अपने तवीयत को चुस्त दुरस्त रखें।
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