कल रात देर से सोये सो उठे भी देर से। सुबह हो गयी थी। सूरज भाई अपने
जलवे के साथ पूरी कायनात में जलवा अफरोज थे। हमको सड़क पर साइकिल के साथ
देखते ही मार रौशनी की बौछार कर दिए पूरे बदन पर। हम ऊपर से नीचे पूरा
रौशनी से नहा गए। सूरज भाई अपनी किरणों के साथ यह जलवा मुस्कराते हुए देखते
रहे। शायद उन्होंने वीडियो भी बनाया हो यह दिखाने के लिए कि कितना लेट
निकलते हैं हम।
पुलिया पर फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाएं बैठी थी। आज उनके मुंह में कम से कम उस समय तम्बाकू नहीं थी। उनको तम्बाकू छोड़ने का 'टू मिनट' का प्रवचन देकर आगे चल दिए। मैगी ही थोड़ी दो मिनट में पकती है भाई।प्रवचन भी आदमी को दो मिनट में पका देता है।
पुलिया पर फैक्ट्री में काम करने वाली महिलाएं बैठी थी। आज उनके मुंह में कम से कम उस समय तम्बाकू नहीं थी। उनको तम्बाकू छोड़ने का 'टू मिनट' का प्रवचन देकर आगे चल दिए। मैगी ही थोड़ी दो मिनट में पकती है भाई।प्रवचन भी आदमी को दो मिनट में पका देता है।
चाय की दुकान पर जहां कल बच्ची को छोड़ा था गए। पता चला कि वह आई नहीं फिर
कल। अपना नम्बर दिया और कहा कि आये तो अस्पताल से उसकी ड्रेसिंग करवा दें।
मुश्किल हो तो हमको बताये।
दूकान प्रदीप पटेल चलाते हैं। उम्र 27 साल। पिता केसरी पटेल फैक्ट्री के महिला कल्याण समिति के स्कूल में काम करते हैं। तीन बच्चे है। प्रदीप के अलावा एक आईटीआई किया है। सबसे छोटा इंजीनियरिंग मेकेनिकल। उसकी नौकरी अभी लगी नहीं। मेकेनिकल इंजीनियरिंग में 65 प्रतिशत नम्बर पाया है बच्चा। किसी के पास काम हो तो बताये।
प्रदीप दो साल पहले स्टोब फटने से जल गए थे। चेहरे,सीने और हाथ में जलने के निशान दिख रहे थे।दो लाख रूपये लगे इलाज में। एक श्रम कल्याण अधिकारी का नाम लेते हुए बताया प्रदीप के पिता ने कि उन्होंने बच्चे के इलाज के लिए 50 हजार रूपये दिए। फिर वापस नहीं लिए। बाद में स्कूल में ही एक कमरे में रहने की भी व्यवस्था करवा दी।
मुझे एक बार फिर लगा कि किसी की सहायता करने के लिए किसी को टाटा, बिड़ला या अम्बानी होना जरूरी नहीं। अपनी सीमाओं में रहते हुए भी सहायता की जा सकती है। रमानाथ जी लिखते हैं न:
प्रदीप के पिता केशरी पटेल ने बताया कि उनको यह गुमटी भी उस समय के महाप्रबन्धक हरनाम सिंह ने अलाट की थी। इससे कम से कम एक बेटे की रोजी रोटी का जुगाड़ तो हो जाता है।इंजीनियर बच्चे की पढ़ाई के लिए लोन भी किसी अधिकारी की सिफारिश से मिला। उनका कहना था कि उनके व्यवहार के चलते लोगों से उनको सहायता मिलती थी।व्यक्ति का व्यवहार भी उसकी सफलता और उपलब्धि में सहायक होता है।
केशरी पटेल से रामफल यादव के बारे में भी बात हुई।बताया कि रामफल बहुत व्यवहार कुशल थे।मेरे बारे में बताते थे -साहब हमरी तरफ के ही हैं। आजकल उनका बच्चा उनकी जगह फल बेचता है।
देर हो रही थी सो वहीं से चाय पीकर लौट आये।अब कल निकला जाएगा आगे भ्रमण के लिए।
आप सबको आज का दिन शुभ हो।मस्त रहा जाये।और कुछ है नहीं गुरु इस 'डम्प्लॉट' दुनिया में।
फ़ेसबुक की टिप्पणियां
दूकान प्रदीप पटेल चलाते हैं। उम्र 27 साल। पिता केसरी पटेल फैक्ट्री के महिला कल्याण समिति के स्कूल में काम करते हैं। तीन बच्चे है। प्रदीप के अलावा एक आईटीआई किया है। सबसे छोटा इंजीनियरिंग मेकेनिकल। उसकी नौकरी अभी लगी नहीं। मेकेनिकल इंजीनियरिंग में 65 प्रतिशत नम्बर पाया है बच्चा। किसी के पास काम हो तो बताये।
प्रदीप दो साल पहले स्टोब फटने से जल गए थे। चेहरे,सीने और हाथ में जलने के निशान दिख रहे थे।दो लाख रूपये लगे इलाज में। एक श्रम कल्याण अधिकारी का नाम लेते हुए बताया प्रदीप के पिता ने कि उन्होंने बच्चे के इलाज के लिए 50 हजार रूपये दिए। फिर वापस नहीं लिए। बाद में स्कूल में ही एक कमरे में रहने की भी व्यवस्था करवा दी।
मुझे एक बार फिर लगा कि किसी की सहायता करने के लिए किसी को टाटा, बिड़ला या अम्बानी होना जरूरी नहीं। अपनी सीमाओं में रहते हुए भी सहायता की जा सकती है। रमानाथ जी लिखते हैं न:
कुछ कर गुजरने के लिएप्रदीप के दांत मसाला खाने से एकदम भूरे हो गए हैं।हमने कहा-और खर्चे का क्यों इंतजाम करने का मन है क्या? इस पर वो बोला-छोड़ रहे हैं। धीरे-धीरे। बन्द कर देंगे।
मौसम नहीं मन चाहिए।
प्रदीप के पिता केशरी पटेल ने बताया कि उनको यह गुमटी भी उस समय के महाप्रबन्धक हरनाम सिंह ने अलाट की थी। इससे कम से कम एक बेटे की रोजी रोटी का जुगाड़ तो हो जाता है।इंजीनियर बच्चे की पढ़ाई के लिए लोन भी किसी अधिकारी की सिफारिश से मिला। उनका कहना था कि उनके व्यवहार के चलते लोगों से उनको सहायता मिलती थी।व्यक्ति का व्यवहार भी उसकी सफलता और उपलब्धि में सहायक होता है।
केशरी पटेल से रामफल यादव के बारे में भी बात हुई।बताया कि रामफल बहुत व्यवहार कुशल थे।मेरे बारे में बताते थे -साहब हमरी तरफ के ही हैं। आजकल उनका बच्चा उनकी जगह फल बेचता है।
देर हो रही थी सो वहीं से चाय पीकर लौट आये।अब कल निकला जाएगा आगे भ्रमण के लिए।
आप सबको आज का दिन शुभ हो।मस्त रहा जाये।और कुछ है नहीं गुरु इस 'डम्प्लॉट' दुनिया में।
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- Pankaj Bajpai This is life nd going on every where.
- Mazhar Masood हम जानते है कि आपका उर्दू भाषा का ज्ञान / प्रेम हम जैसे अनपढ़ से बहुत बहुत अधिक है इसलिए फरोश को हम अफ़रोज़ का अपभ्रंश ही समझ रहे हैं
- Neeraj Mishra डम्प्लांट दुनिया।
- संतोष त्रिवेदी दो मिनट में पकना 😀
- Anil Verma · Narinder Kochhar और 8 others के मित्रसाहब जी आपकी ..अपनी तरफ वाली बात मशहूर होती जा रही है......भिर्गु मुनि की नगरी बलिया का हूँ मैं इसीलिए आपके शब्दों का ताना बाना अच्छा लगता है
- Ram Kumar Chaturvedi इतनी जान पहचान का एक फायदा तो है कि चाय और फल सस्ते में मिल जाते होंगे
- Rekha Srivastava किसी की सहायता के लिए टाटा , बिड़ला .............! एकदम सही कहा । काम खुद बोलता है जिन्होने सहायता की वो तो नहीं बोले लेकिन वो बोले जो अहसान फरामोश नहीं थे , नहीं तो आजकल लोग दूसरे के किये को अपना बखानने से नहीं चूकते ।
- Krishn Adhar डम्प्लाट दुनिया-कहां से ,सर वाकई आप को सडक छाप शव्दों का अमिताभ वच्चन कहा जाय....।
- Vipin Singh Damplat duniya
- Nirmal Gupta मैगी ही थोड़ी दो मिनट में पकती है भाई। प्रवचन भी आदमी को दो मिनट में पका देता है......और वह उबला हुआ अंडा बन जाता है जिस पर काली मिर्च और नमक लगा कर सेहतमंद होने की गलतफहमी पाली जा सकती है.
- Navnit Chaurasia · Friends with अमित कुमारLog pravachan sunte vakt agar bore hone lage to samajh lo uska jindagi ke prati falsafa alag hai wo un baaton ko samajhna bhi nahi chahta.
- Gaurav Srivastava तम्बाकू छोड़ने का 'टू मिनट' का प्रवचन smile इमोटिकॉन
- Jyoti Tripathi जरा सम्भल कर,आजकल दो मिनट वाली चीज़ें ख़तरनाक होने लगी हैं।
Mahesh Shrivastava CRP , cardiac recicetation protocal bhi 2 minute ka hota hai , per hsi me logo ki jaan bach jaati hai
jai ho !
ReplyDeleteis post ki chhoti chhoti baaton mein gyan ghus ke baitha hai :)