Monday, October 21, 2024

शरद जोशी के पंच -16

 1. अधिकांश भारतवासियों के लिए अब एक जगह से दूसरी जगह, एक चलता-फिरता प्रधानमंत्री ही राष्ट्र-गर्व का मामला रह गया है। उसे देखते रहिए और सीना फुलाए रहिए कि हमारा भी एक देश है।

2. सोचने वाले सौभाग्य से ,गहराई से नहीं सोचते अन्यथा पागल हो जाएँ कि देश में पहले क्या मज़बूत होना चाहिए। उनमें अधिकांश अपनी पार्टी मज़बूत करने में और पार्टी से ज़्यादा कुर्सी मज़बूत करने में लगे रहते हैं। उनका जीवन -दर्शन यह है हमारी पार्टी चुनाव में जीतती रहे और हम पद पर बने रहें तो समझिए , सब मज़बूत है।

3. बड़ी जल्दी हमें इस देश को एक प्लेटफ़ार्म मान लेना होगा, जहां हर नागरिक को अपने इरादों की रेल पकड़ने का हक़ है। जितने यात्री समूह ,उतनी मंज़िलें। कोई ब्राउन सुगर बेच रहा है , कोई रैली निकाल रहा है, कोई बम बना रहा है। सबके अपने धार्मिक इरादे हैं। और देश की सरकार न हुई एक धंधा करने वाली औरत हुई कि चूँकि उसे वोट लेने हैं , यश बटोरना है, कुर्सी पक्की रखनी  है ,प्रगतिशील कहलाने की मजबूरी में सहिष्णु रहना है , सब कुछ सहन कर रही है। 

4.  बड़ों के प्रेम-प्रसंग अधिक देर तक छिपे नहीं रहते या बड़े देशों के सुरक्षा के रहस्य दूसरे बड़े देशों को फ़ौरन लीक हो जाते हैं। लीक इसलिए होते हैं, क्योंकि जो लीक हो सकता है वह अवश्य लीक होता है। 

5. हिंदू धर्म के प्रभाव का क्षितिज चाहे दिन-प्रतिदिन सिमट रहा हो ,पर हिंदू धर्म के महंत, मठाधीश स्वामियों के प्रभाव का क्षितिज भारतीय सीमा से कहीं आगे है। किसी भी गुरु से पूछो तो वह कहेगा कि ईमानदार चेले और समर्पित चेलियां भारत में आजकल मिलते कहाँ हैं?

6. शिक्षा एक ऐसी  बिगड़ी मोटर है, जिसके उन हिस्सों को भी सुधारना या बदलना है , जो नए लगे हैं। और न सिर्फ़ मोटर बल्कि ड्राइवर में भी सुधार करना है, बल्कि हो सके तो ड्राइवर भी बदलना है। 

7. अजीब गाड़ी है शिक्षा की, इसमें सब कुछ बदला जाना है। टूटी-फूटी इमारत फ़र्नीचर, पाठ्यक्रम, पढ़ाने की शैली , पढ़ाने की भाषा, पढ़ाने वाले, सामने खेलने का मैदान ,प्राप्त सुविधाएँ, दोपहर का नाश्ता ,टंकी का ख़राब पानी, बल्कि कुछ शिक्षकों और हेडमास्टरों से पूछो तो वे अपने छात्र बदलना चाहेंगे।

8. छिपाने के कौशल में हम भारतवासी संसार के देशों से कहीं आगे हैं। एक अभिनेत्री दूसरी अभिनेत्री से अपने प्रेम की जलन छिपाती है। एक कांग्रेसी दूसरे कांग्रेसी से अपना कुर्सी प्राप्त करने का इरादा छिपाता है। हीरो अपना प्रेम छिपाता है, सुंदरियाँ अपने को अधिकांश छिपा जाती हैं। 

9. हमारे देश में अधिकांश लोगों की प्रतिभा कुछ न कुछ छिपाने में लगी रहती है। कुछ लड़कियाँ अपनी कविताओं को छिपाकर रखती हैं, जैसे वे प्रेम पत्र हों, जिनके लिखे जाने से पहले उनके छिपाए जाने की प्रक्रिया आरम्भ हो जाती है। 

10. भारतीय प्रेमी-प्रेमिका की दूसरे से शादी हो जाती है, वे अपने मन की बात व्यक्त कर ही नहीं पाते। पति-पत्नी एक-दूसरे को चाहते हैं यह बात भी मोहल्ले वालों को सारे जीवन पता नहीं चल पाती। वे सोचते हैं कि बाल-बच्चेदार हैं तो चाहते ही होंगे। 


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